CITYSAMCHARDIGITAL's profile picture
CITYSAMCHARDIGITAL
media

Hi dosto

Oct. 10, 2025, 12:48 p.m.
likes

CITYSAMCHARDIGITAL's Other Uploads

image thumbnail

Views: 0

ECC एजुकेटर भर्ती में धांधली का आरोप: एक अभ्यार्थी ने पैसे लेकर काउंसलिंग कराने का लगाया आरोप। कहा योग्य अभ्यर्थी सूची से बाहर! @topfans MYogiAdityanath #संतकबीरनगर। एक तरफ योगी सरकार उत्तर प्रदेश में जीरो टॉलरेंस के दावे करती है तो वही संतकबीरनगर जिला जीरो टॉलरेंस नीति को फेल कर योगी सरकार की मनसा पर पलीता लगाने का कार्य कर रहा है। ताजा मामला ECC एजुकेटर भर्ती में भारी धांधली से जुड़ा है। ग्राम मुखलिसपुर निवासी ईसीसी एजुकेटर अभ्यर्थी कु. पूजा पत्नी राहुल कुमार ने बीएसए कार्यालय पर शिकायत दर्ज कराते हुए ईसीसी एजुकेटर भारती की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने 111 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सभी दस्तावेजों की हार्ड कॉपी 3 मई 2025 को बीएसए कार्यालय में जमा कराई थी । पूजा का कहना है कि उनकी मेरिट 70.93% होने के बावजूद उनका नाम चयन सूची में शामिल नहीं किया गया, जबकि कम अंकों वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। शिकायतकर्ता पूजा ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें दो महीने पहले एक अननोन नंबर से एक लाख रुपये देने का दबाव बनाया गया था। पूजा ने उसे व्यक्ति को योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति का हवाला देते हुए रुपये न देने का हवाला दिया। पूजा का कहना है कि उसने फोन पर ₹100000 देने से मना कर दिया तो उसका नाम सूची से गायब कर दिया गया। पीड़ित का आरोप है कि प्रार्थना को असर उजाला पेपर के माध्यम से सूचना मिली तो प्रार्थना भागी-भागी BSA कार्यालय पहुंची तो पता चला की प्रार्थना का भी सूची में नाम नहीं हैं। प्रार्थना को दो महीने पहले फोन आया था यदि एजुकेसन में भर्ती होना है तो एक लाख कुण उपलब्ध कहा दिजीए। प्रार्थना ने रूट देने से मना कर दिया प्रथिने बोली की मेरी मेरिट अच्छी है मेरा वैसे ही हो जायेगा रुपया नहीं दूंगी प्रथिने की मेरिट हाईस्कूल 427/600 - 71.16 व इण्टरमिलिए 395/500 -79% बी050 अंतिम वर्ष विषय होम साइंस, संस्कृत) 1131/180 -62.63 सम्पूर्ण फाइनल गुणांक 70.93% आ रहा है। जबकि प्राथीगण से कम गुणांक के अभ्यर्थी को फोनकर काउंसलिंग कराया गया हैं। जो कि सरासर गलत है। मनमाने तरीके से भर्ती करायी जा रही है। अतः आप श्रीमान जी से निवेदन है कि प्रार्थना के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुये मेरिट गुणांक को सार्वजनिक कराते हुये निष्पक्ष तरीके से योग्य अभ्यर्थियों का चयन कराना सुनिश्चित करे साथ ही फर्म NIT मऊ पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। इस पूरे प्रकरण से चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ खड़े हो गए हैं। अभ्यर्थियों ने पारदर्शी जांच और मेरिट सूची सार्वजनिक करने की मांग की है।

image thumbnail

Views: 1

इंस्टाग्राम पर सक्रिय हनी ट्रैप गिरोह से सावधान! भोले-भाले युवाओं को जाल में फंसाकर की जा रही मोटी धन उगाही संतकबीरनगर में 12वीं के छात्र के साथ घटी सनसनीखेज वारदात #CrimeNews #hanitrip #संतकबीरनगर। सोशल मीडिया के दौर में जहां इंस्टाग्राम युवाओं के लिए अभिव्यक्ति और मनोरंजन का मंच बना हुआ है, वहीं अब यही प्लेटफॉर्म कई युवाओं के जीवन में अंधकार फैलाने लगा है। जिले में हनी ट्रैप का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, संतकबीरनगर के एक 12वीं के छात्र की मुलाकात इंस्टाग्राम पर एक युवती से हुई। दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई, फिर वीडियो कॉल और मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया। कुछ ही महीनों में यह वर्चुअल रिश्ता इतना गहरा हो गया कि छात्र युवती के घर तक जाने लगा। लेकिन कहानी ने खतरनाक मोड़ तब लिया जब उसी युवती ने अचानक ऑनलाइन दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कर दी। जैसे ही मामला पुलिस तक पहुंचा, समझौते का खेल शुरू हो गया। आरोप है कि युवती के परिजनों ने छात्र के घरवालों से मोटी रकम की डिमांड की और समझौते के नाम पर दबाव बनाया गया। छात्र नाबालिग होने के बावजूद अब सलाखों के पीछे है, जबकि बाहर कुछ दलाल इस मामले में ‘सुलह’ कराने की कोशिश में जुटे हैं। यह सिर्फ एक छात्र की कहानी नहीं — बल्कि एक चेतावनी है उन सभी युवाओं के लिए जो सोशल मीडिया पर बिना सोचे-समझे दोस्ती कर रहे हैं। इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हनी ट्रैप गिरोह अब भोले-भाले युवाओं को निशाना बना रहे हैं। पहले चैट, फिर वीडियो कॉल, और फिर ब्लैकमेलिंग या झूठे मुकदमों के जरिए धन उगाही — यही है इस गंदे खेल का फार्मूला। ⚠️ विशेषज्ञों की चेतावनी साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे मामलों में युवाओं की सबसे बड़ी गलती “अनजान लोगों से दोस्ती” करना है। कई बार हनी ट्रैप गैंग में लड़कियों के साथ-साथ उनके परिवारजन या पेशेवर अपराधी भी शामिल होते हैं, जो सोशल मीडिया के ज़रिए भावनात्मक जाल बुनते हैं। 🚫 सावधानी ही सुरक्षा है 1. अनजान प्रोफाइल से बातचीत न करें। 2. वीडियो कॉल पर कोई निजी हरकत न करें। 3. किसी भी प्रकार की धमकी मिलने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें। 4. 18 वर्ष से कम आयु के युवाओं को सोशल मीडिया पर सीमित और निगरानी में रहकर ही उपयोग करना चाहिए। > “एक छोटी सी गलती पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकती है। सोशल मीडिया पर दोस्ती नहीं, सतर्कता ज़रूरी है।” सूचना जनहित में जारी — City Samachar Digital

image thumbnail

Views: 20

संतकबीरनगर में 610 करोड़ से शुरू होगी डिस्टिलरी परियोजना, हजारों हाथों को मिलेगा रोजगार उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में औद्योगिक विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 610 करोड़ रुपये की लागत से डिस्टिलरी परियोजना शुरू होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह डिस्टिलरी प्रतिदिन दो लाख लीटर एथेनॉल और 4.8 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी। साथ ही यहां से निकले उप-उत्पादों का उपयोग पशु आहार, जैविक खाद व औद्योगिक जरूरतों के लिए किया जाएगा। परियोजना से सीधे तौर पर 500 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को इसका लाभ पहुंचेगा। हनी आर्बर डिस्टिलरी बाई मरुभूमि मार्केटिंग प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर विनोद यादव उर्फ पप्पू भैया और डायरेक्टर वैभव कुमार ने संतकबीरनगर जिले के लंगड़ाबार स्थित 30 एकड़ भूमि पर इस प्लांट की स्थापना के लिए एमओयू किया है। इस परियोजना में भारी निवेश होने से जिले में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी। डायरेक्टर वैभव कुमार ने बताया कि वह पीएम मोदी और सीएम योगी से प्रभावित हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए 300 करोड़ रुपए से एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 2 साल पहले यूपी इन्वेस्टर समिट में सहमति पत्र दिए थे। इंडस्ट्रीज स्थापना के लिए कंपनी के नाम से मेंहदावल तहसील क्षेत्र के लंगड़ा बार, बकूची, गुलेला और भरोहिया में करीब 30 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कर ली गई है जल्द ही करोड़ों की लागत से डिस्टलरी को स्थापित करने की तैयारी है।‌ बताया कि डिस्टिलरी से गन्ना किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। इससे क्षेत्र के किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी के साथ-साथ चीनी मिलों के लिए भी स्थायी सप्लाई सुनिश्चित होगी। डीएम आलोक कुमार ने कहा कि 610 करोड़ की यह परियोजना जिले के औद्योगिक नक्शे को नया आयाम देगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय स्तर पर सड़क, बिजली व अन्य सुविधाओं का भी विस्तार होगा।

image thumbnail

Views: 31

image thumbnail

Views: 23

करोड़ों की गड़बड़ी पर डीएम का डंडा : दोषी अफसर–कर्मचारी और प्रधानों पर गिरेगी गाज ग्राम निधि-6 में हेराफेरी उजागर, वसूली न होने पर होगी एफआईआर संत कबीर नगर। स्वच्छता मद के खाते से करोड़ों की हेराफेरी का मामला अब जिलाधिकारी आलोक कुमार की कड़ी कार्रवाई की जद में आ गया है। त्रिस्तरीय जांच समिति और सीडीओ की आख्या में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि होते ही डीएम ने तत्कालीन अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्राम प्रधानों पर शिकंजा कसते हुए विभागीय कार्यवाही, वसूली और एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। डीएम के कड़े निर्देश सरकारी धन का करोड़ों का अनियमित हस्तांतरण और आहरण साबित। तत्कालीन सचिव शिवप्रकाश सिंह पर रोक के बावजूद फर्मों को भुगतान का गंभीर आरोप, कार्रवाई फिर होगी जीवित। बिना काम कराए गबन की नियत से दी गई रकम सात दिन में वसूली, अन्यथा होगी एफआईआर। 30 ग्राम पंचायतों में ग्राम निधि-6 में न जमा की गई राशि पर प्रधानों व सचिवों पर गिरेगी गाज। तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी पर शासन को भेजा जाएगा पत्र। सभी 09 ब्लॉकों के एडीओ पंचायत पर विभागीय जांच, जांच अधिकारी होंगे एडीएम (न्यायिक)। दोषी फर्में होंगी ब्लैकलिस्ट, धनराशि वसूली जाएगी। दोषी पटल सहायक पर सेवा से पदच्युत करने का प्रस्ताव। --- ब्लॉकवार सचिवों की जांच सूची 👉 विकासखंड खलीलाबाद सचिव/ग्राम पंचायत अधिकारी – अनिल कुमार सिंह, कौशल कुमार सिंह, चन्द्र प्रकाश सिंह, अनिल सिंह, आनन्द कुमार, कमलेशपति त्रिपाठी, किशन कुमार। जांच अधिकारी – एएसडीएम (खलीलाबाद) हृदय राम तिवारी। 👉 विकासखंड सेमरियावां सचिव/ग्राम पंचायत अधिकारी – मोहम्मद अफजल, श्रीमती सुनीता मिश्रा। जांच अधिकारी – एएसडीएम सुधीर कुमार। 👉 विकासखंड सांथा सचिव/ग्राम पंचायत अधिकारी – आनन्द कुमार। जांच अधिकारी – एएसडीएम सुधीर कुमार। 👉 विकासखंड बेलहरकला सचिव/ग्राम पंचायत अधिकारी – सुशील सिंह, चंदन सिंह। जांच अधिकारी – एएसडीएम रविकान्त चौबे। 👉 विकासखंड बघौली सचिव/ग्राम पंचायत अधिकारी – श्रीमती कंचन मिश्रा, शिवमूरत मौर्या। जांच अधिकारी – एएसडीएम सुधीर कुमार। 👉 विकासखंड पौली सचिव/ग्राम पंचायत अधिकारी – आनन्द कुमार। जांच अधिकारी – एएसडीएम रविकान्त चौबे। 👉 विकासखंड हैंसर बाजार सचिव/ग्राम पंचायत अधिकारी – शैलजा मिश्रा। जांच अधिकारी – एएसडीएम रविकान्त चौबे। --- डीएम का सख्त संदेश डीएम आलोक कुमार ने साफ चेताया – > “गबन और वित्तीय अनियमितता में शामिल किसी भी अधिकारी–कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। जांच अधिकारी तय समय—दो माह—के भीतर जांच पूरी कर विस्तृत आख्या प्रस्तुत करें।” --- ⚡यह कार्रवाई जिले में पहली बार इतनी बड़ी धनराशि की अनियमितता पर सीधा शिकंजा कसने के तौर पर देखी जा रही है।

image thumbnail

Views: 22

image thumbnail

Views: 55

खबरें को बारीकी से

image thumbnail

Views: 28

ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मुमताज अहमद का आरोप 10% कमीशन की भेंट चढ़ी 85 कार्ययोजनाएं। सीएम आदेशों के बावजूद लटका सेमरियावां ब्लॉक का विकास। ब्लॉक प्रमुख मुमताज अहमद ने डीएम को पत्र देते हुए अनशन की दी चेतावनी। #संतकबीरनगर। चार साल से ठप पड़ी सेमरियावां ब्लॉक की 85 विकास परियोजनाएँ आखिर कब शुरू होंगी? यह सवाल अब पूरे क्षेत्र की जनता का गुस्सा बन चुका है। ब्लॉक प्रमुख श्रीमती मजहरुन्निशाँ ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग (लो०नि०वि०) संतकबीरनगर ने उनके पुत्र एवं प्रतिनिधि मुस्ताक अहमद से 10% कमीशन (टीएस मनी) की माँग की। कमीशन न मिलने पर विभाग ने 85 में से सिर्फ 12 परियोजनाओं को मंजूरी दी, 24 परियोजनाओं पर दोबारा आपत्ति ठोक दी और 49 परियोजनाओं की फाइलें तो देखी तक नहीं। सीएम आदेश भी ठंडे बस्ते में! ब्लॉक प्रमुख ने सीएम योगी आदित्यनाथ के 17 अप्रैल, 16 जून, 30 जुलाई और 17 अगस्त 2025 के आदेशों का हवाला दिया और कहा कि, “जब खुद मुख्यमंत्री जी के आदेशों का पालन नहीं हो रहा तो फिर जनता किससे न्याय की उम्मीद करे?” भूख हड़ताल और आमरण अनशन की चेतावनी मजहरुन्निशाँ ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल सभी 85 परियोजनाओं को तकनीकी स्वीकृति (टीएस) देकर टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो वे क्षेत्र की जनता के साथ भूख हड़ताल और आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगी। उन्होंने कहा कि, “अगर इस दौरान कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।” जनता में आक्रोश – विकास को रोका क्यों जा रहा? क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि लो०नि०वि० की लापरवाही और कथित भ्रष्टाचार की वजह से सेमरियावां का विकास चार साल से अधर में लटका है। जबकि सीएम लगातार विकास कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कर रहे हैं, वहीं विभागीय अधिकारी आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं।